Class 10th Sanskrit Vvi Subjective Question 2024 Exam; क्लास 10th संस्कृत विवि सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2024 एग्जाम
(1) भीखनटोला कैसा गांव है।
(Ans) भीखनटोला बिहार प्रांत के एक दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित है। यहां के लोग प्राय निर्धन और अशिक्षित है। यहां के निवासी कस्टमर जीवन बिताते हैं। कुछ अत्यंत निर्धन परिवार गांव के बाहर टूटी-फूटी झोपड़िया में रहते हैं। भीखनटोला से लगभग एक कोष की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है।
(2) कर्मवीर कथा पाठ से हमे क्या शिक्षा मिलती है।
(Ans) कर्मवीर कथा पाठ से हमें शिक्षा मिलती है कि गांव में रहने वाले दलित एवं निर्धन छात्र भी मेहनत के बल पर सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सकते हैं। लगन अत्याचार और धैर्य से मनुष्य किसी भी कठिनाई पर विजय प्राप्त कर सकता है। इससे हमें मेहनत बनाकर सफलता प्राप्त करने की शिक्षा मिलती है।
(3) कर्मवीर कथा पाठ के माध्यम से लेखक हमें क्या कहना चाहता है।
(Ans) कर्मवीर कथा पाठ के माध्यम से लेखक कहना चाहता है की सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने के लिए धनी तथा उच्च वर्ग में जन्म लेना आवश्यक नहीं है। गांव में रहने वाले दलित एवं निर्धन छात्र भी मेहनत के बल पर राम प्रवेश राम की तरह सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सकते हैं। लगन उत्साह और धैर्य या से मनुष्य किसी भी कठिनाई पर विजय प्राप्त कर सकता है।
Class 10th Sanskrit Vvi Subjective Question
(4) स्वामी दयानंद का मुख्य उद्देश्य क्या था।
(Ans) स्वामी दयानंद का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली कुर्तियों का विरोध करना था। उन्होंने बाल विवाह का विरोध मूर्ति पूजा का विरोध और छुआछूत समाप्त करने आदि कई महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने स्त्री शिक्षा एवं विधवा विवाह को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने अपने सिद्धांतों के प्रचार के लिए 1875 ईस्वी में आर्य समाज नामक संस्था की स्थापना की। और यह समाज द्वारा उन्होंने वैदिक ग की अच्छाइयों के प्रचार के लिए नई शिक्षा पद्धति की घोषणा भी की।
Class 10th Vvi Sanskriti Question 2024 Exam
(5) स्वामी दयानंद मूर्ति पूजा की विरोधी कैसे थे।
(Ans) स्वामी दयानंद के माता-पिता भगवान शिव के उपासक थे। प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के दिन शिव पार्वती की पूजा उनके परिवार में विशेष रूप में मनाई जाती थी। एक बार महाशिवरात्रि के दिन इन्होंने देखा कि एक चूहा भगवान शंकर की मूर्ति के ऊपर चढ़कर उन पर चढ़ाए हुए प्रसाद को खा रहा है
इससे उन्हें विश्वास हो गया की मूर्ति में भगवान नहीं होते। परिणाम स्वरूप वे मूर्ति पूजा के विरोध हो गए।
(6) स्वामी दयानंद कौन-कौन से समाजों द्वारा के कार्य किया।
(Ans) स्वामी दयानंद एक महान समाज सुधारक संत थे। मध्यकाल में भारत में छुआछूत अशिक्षा जाति भेद धर्म में आदि अनेक को प्रथाएं फैली हुई थी। स्वामी दयानंद ने इन सभी कुर्तियां को दूर करने के लिए ओम लोगों के बीच जाकर इन कुर्तियों के खिलाफ जागरण पैदा किया। उन्होंने अपने सिद्धांतों का संकलन सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ में किया। इन करो को करने के लिए उन्होंने आर्य समाज नामक संस्था की स्थापना की।
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(7) स्वामी दयानंद ने समाज के उदार के लिए क्या किया।
(Ans) स्वामी दयानंद ने समाज के उदार के लिए प्रचलित कुर्तियों का खुला विरोध किया। उन्होंने बाल विवाह समाप्त करवाने मूर्ति पूजा का विरोध करने और छुआछूत समाप्त करने के लिए कार्य किया। उन्होंने अपने सिद्धांतों के प्रचार के लिए और समाज नामक संस्था की स्थापना की।
(8) आर्य यह समाज के बारे में आप क्या जानते हैं।
(Ans) आर्यसमाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में की। यह संस्था मूर्ति पूजा का विरोध करती है तथा वैदिक धर्म एवं सत्य के प्रचार पर बल देती हैं। इस समाज ने नवीन शिक्षा पद्धति को अपनाया है।
(9) पति की को फसाने के लिए बुद्ध बाग ने क्या तर्क दिया।
(Ans) पथिक लोभी तथा चालक था। उसे फसाने के लिए बुद्ध भाग ने कहा कि मैं योग अवस्था में अति हिशक था। अनेक गायों और मनुष्यों का वध किया करता था। परिणाम स्वरुप मेरे पुत्र और पत्नी आज समय ही मर गए और मैं अब वंशहीन हूं। किसी धार्मिक व्यक्ति का उपदेश का पालन कर अब मैं स्वच्छ हृदय वाला डैनी और गले हुए नख दांत वाला बुड्ढा हूं। इसलिए मुझ पर विश्वास किया जा सकता है।
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(10) पथिक बुढा बाघ की बातों में क्यों आ गया।
(Ans) पथिक ने सोने के कंगन की बात सुनकर सोचा कि ऐसा भाग्य से ही मिलता है। उसके मन में यह भी आया कि जिस कर में खतरा हो उसे नहीं करना चाहिए। फिर लोग बस उसने सोचा कि दहन कमाने के कर में खतरा तो होता ही है। उसने बाग को गंगा नदी खाने के लिए कहा। कंगन देख पथिक लोग से बसी भूत होकर बाग की बातों में आ गया।
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(11) बुढा बाघ पथिक को पकड़ने में कैसा सफल हुआ।
(Ans) बुढा बाघ एक धार्मिक का भेष रचकर तालाब के किनारे पति को को सोने का कंगाल लेने के लिए कहा। उसे तालाब में अधिक किचन था। एक लोभी पथिक उसकी बातों में आ गया। बाघ ने लोभी पथिक को स्वर्ण कंगन लेने से पहले तालाब में स्नान करने के लिए कहा। उसे बाग की बात पर विश्वास कर जो वही पथिक तालाब में घुसा टाइम वही अधिक अधिक पिक्चर में हुआ डांस गया और बाघ ने उसे पकड़ लिया।
(12) धार्मिक व्यक्ति ने वृद्ध बाग को क्या उपदेश दिया था।
(Ans) बुद्ध बाघ ने पथिक को किसी धार्मिक द्वारा दिए गए उपदेश के विषय में या कहा। उसने बताया कि युवा बस्ती में वह आरती दुराचारी था। युवावस्था में अनेक गायों और मनुष्यों के बाद करने के पाप के कारण वह की संतान और पत्नी विहीन हो गया था एम आप एक धार्मिक व्यक्ति ने पाप मुक्त होने के लिए बाग को उपदेश दिया कि आप दान पूर्ण किया करें।
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(13) लोभ का फल बुरा होता है। वियाग्रा पथिक कथा के आधार पर स्पष्ट करें।
(Ans) नारायण पंडित रचित वियाग्रा पथिक कथा में सोने के कंगन के लोग के कारण बुडा बाग के द्वारा पथिक पकड़ लिया जाता है और खा लिया जाता है।
संपूर्ण संसार में आज शांति के कारण मां बात का विनाश हो रहा है विद सरकारी द्वारा मान्यता के विनाश कब है सर्वत्र व्याप्त है।
(14) भारतीय संस्कार पाठ में लेखक हमें क्या शिक्षा देना चाहता है।
(Ans) लेखक इस पाठ से हमें यह शिक्षा देना चाहता है कि संस्कारों के पालन से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। संस्कारों का उचित समय पर पालन करने से गुण बढ़ाते हैं और दोसो का नाश होता है। भारतीय संस्कृति की विशेषता संस्कारों के कारण ही है। लेखक हमें सनस संस्कारों का पालन करने की शिक्षा देता है।
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(15) पाटलिपुत्र नगर से का विशेषता दे।
(Ans) पाटलिपुत्र नगर प्राचीन काल से लेकर आज तक राजनीतिक धार्मिक औद्योगिक और शिक्षा जैसी विविध क्षेत्रों में वैभव धारण करता रहा है। यहां पाणिनि पिंगला पर रुचि आदि महान विघ्नों की परीक्षा ली गई थी। प्राचीन काल में यहां के लोग आनंद मगन होकर कौमुदी महोत्सव का आयोजन आज के दुर्गा पूजा की भौतिक करते थे। चंद्रगुप्त के समय यहां की रक्षा व्यवस्था काफी मजबूत थी। अशोक के समय में इस नगर का वैभव और अधिक समृद्ध हुआ
इस प्रकार यह नगर आज भी सभी क्षेत्रों में प्रगति के पर बढ़ .